महिलाओं में अधिक तनाव के क्या कारण हैं? क्यों पुरुषों से ज्यादा रहता है महिलाओं को स्ट्रेस, डॉक्टर से जानें इसकी प्रमुख वजह

भागदौड़ भरी जिंदगी में आज ऐसा कौन है जो किसी न किसी तरह का तनाव न झेल रहा हो। स्टूडेंट्स को पढ़ाई लिखाई का तनाव है, तो कामकाजी लोगों को ऑफिस के काम का तनाव। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पुरुषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा तनाव में रहती हैं। आइए जानते हैं एक्सपर्ट् से इसके पीछे क्या कारण है।

तनाव आज सभी की जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन गया है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में ज्यादा तनाव झेलती हैं। अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन के सर्वे में सामने आई एक रिपोर्ट की मानें तो महिला अपने जीवन में एक साथ कई तरह के रोल प्ले करती है, जो उसके जीवन में आने वाले तनाव की वजह बन जाते हैं। यही कारण है कि आमतौर पर महिलाओं को पुरुषों से ज्यादा तनाव झेलना पड़ता है। आज हमने महिलाओं से जुड़े इस गंभीर मुद्दे पर बात की Dr. Samant Darshi – Consultant Psychiatrist Yatharth Hospitals से। उन्होंने बताया कि महिलाओं के ज्यादा तनाव में रहने के पीछे क्या कारण है?
महिलाओं को क्यों रहता है ज्यादा तनाव? – Why do women feel more stressed?
इस सवाल का जवाब देते हुए Dr.Samant Darshi कहते हैं कि इसके पीछे कोई एक कारण नहीं है बल्कि इसके 3 मुख्य कारण हैं। जैविक (Biological), सामाजिक (Social) और मनोवैज्ञानिक (Psychological) कारकों के संयोजन के कारण महिलाएं अक्सर पुरुषों की तुलना में अधिक तनाव का अनुभव करती हैं। आइए जानते हैं इन कारणों को विस्तार से..
तनाव का जैविक कारण – Biological Reasons of Stress in Women
डॉक्टर सामंत दर्शी बताते हैं कि महिलाओं में पुरुषों से ज्यादा तनाव होने का एक बड़ा कारण जैविक भी है। दरअसल महिलाएं प्राकृतिक रूप से पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा हार्मोनल उतार-चढ़ाव का सामना करती हैं। जिससे वह अक्सर तनाव में बनी रहती हैं। विशेष रूप से मासिक धर्म, गर्भावस्था और रजोनिवृत्ति से संबंधित, मूड स्विंग्स महिलाओं के तनाव के स्तर को प्रभावित कर सकते हैं। इन विशेष समय पर महिलाओं को थोड़ा ज्यादा ख्याल रखने की जरूरत होती है। जिसमें यदि उनका ख्याल न रखा जाए तो उनके तनाव का स्तर बढ़ने लगता है। हालांकि जैसा ख्याल वह घर में किसी को परेशानी होने पर रखती हैं वैसा उनके लिए कर लगभग असंभव हो जाता है।
तनाव का सामाजिक कारण – Social Reasons of Stress in Women
डॉक्टर सामंत दर्शी की मानें तो सामाजिक रूप से, महिलाओं से अक्सर देखभालकर्ता, पेशेवर और गृहिणी सहित कई भूमिका निभाने की अपेक्षा की जाती है। इस मल्टीटास्किंग प्रक्रिया को फॉलो करते करते महिलाएं अक्सर तनाव की शिकार हो जाती हैं। क्योंकि महिलाएं इन सभी भूमिकाओं को एक साथ बखूबी पूरा करने का प्रयास करती हैं। महिलाओं के एक साथ कई काम करने होते हैं, चाहे वह मन से किए जा रहे हों या मजबूरी बस। यही कारण है कि इस प्रोसेस में शारीरिक और मानसिक थकान काफी ज्यादा बढ़ जाती है। इसके अलावा, सामाजिक दबाव और लिंग-आधारित अपेक्षाएं तनाव को बढ़ाने में योगदान कर सकती हैं। महिलाओं को अक्सर दिखावे, व्यवहार और सफलता के संबंध में उच्च मानकों पर रखा जाता है, जिससे उनका मानसिक बोझ बढ़ जाता है। इसके अतिरिक्त, महिलाओं को वर्कप्लेस में अधिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जैसे लिंग भेदभाव या वेतन असमानता, जो उनके तनाव के स्तर को और बढ़ा देते हैं।
तनाव का मनोवैज्ञानिक कारण – Psychological Reasons of Stress in Women
डॉक्टर सामंत दर्शी के अनुसार, मनोवैज्ञानिक रूप से महिलाओं में तनाव और चिंता को दबाकर रखने की अधिक संभावना होती है, जिससे वह धीरे-धीरे अवसाद जैसी स्थितियों में भी पहुंच जाती हैं। दूसरों की जरूरतों को अपनी जरूरतों से ज्यादा प्राथमिकता देने की प्रवृत्ति के कारण महिलाओं के पास खुद की देखभाल के लिए कम समय रह जाता है, जिससे उनका तनाव और बढ़ जाता है।