कब्रिस्तान की जमीन को हस्तांतरण करने पर लोगो में है आक्रोश

गोविंद सिंह

हरदोई: शाहाबाद के स्थानीय निवासियों के अनुसार नगर पालिका अध्यक्ष व अधिशाषी अधिकारी की मिली भगत के चलते मोहल्ला मीराबस्ती में गाटा सं.1388 जो अभिलेखों में कब्रिस्तान दर्ज है जो लगभग सौ साल पुराना है और इस कब्रिस्तान में ढाई सौ से ज्यादा कब्र बनी हुई है वो एक व्यक्ति विशेष को हस्तांतरण कर दिया गया है क्योंकि यह कब्रिस्तान की जमीन बेशकीमती है।

स्थानीय निवासियों के अनुसार वर्ष 2008 से 2010 के बीच में नगर पालिका परिषद शाहाबाद ने उपरोक्त कब्रिस्तान में बाउंड्री वाल का कार्य भी कराया था।
आरोप है कि नगर पालिका अध्यक्ष ने अपने चहते अंसार खां उर्फ बब्बन पुत्र अजहर खां निवासी मूजागढ़ को कब्रिस्तान की जमीन हस्तांतरण कर दी ।

जब स्थानीय निवासियों द्वारा नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी राम रतन अंबेश से जानकारी ली गई तो उनके द्वारा बात को टालमटोल कर गुमराह किया गया और पालिका द्वारा वर्ष 2008 से 2010 के बीच कराए गए बाउंड्री बाल के कार्य का कोई भी अभिलेख नहीं दिखाए गए।

नगर पालिका परिषद शाहाबाद ने कब्रिस्तान की भूमि को गुप्त तरीके से अभिलेखों में हेर-फेर करके करोड़ों की संपत्ति को बेचने के उद्देश्य से अपने चहेते के नाम हाउस टैक्स की रसीद काट दी गई जिसका खुलासा एक आरटीआई के जवाब से हुआ।
आपको बताते चले कि राजस्व नियमावली के अनुसार कब्रिस्तान, चरागाह, श्मशानघाट की जमीनें सुरक्षित श्रेणी में आती है जिसे किसी भी रूप में न बेचा जा सकता है न ही हस्तांतरण या लीज पर किसी व्यक्ति विशेष को नहीं दिया जा सकता है।

सबसे शर्म की बात यह है कि जो समाजवादी पार्टी का नगर पालिका परिषद शाहाबाद का अध्यक्ष सत्ता पक्ष भाजपा के प्रत्याशी को हरा कर नगर पालिका परिषद शाहाबाद की अध्यक्ष पद की कुर्सी पर आसीन हो उसके भ्रष्टाचार पर सत्ता का मौन होना इतने वीडियो वायरल होने के बाबजूद किसी भाजपाई का बयान न आना तू मेरी खुजा मै तेरी खुजाऊगा का मुहावरा सटीक बैठता है।