जनपद अंबेडकर नगर बना भ्रष्टाचार में नंबर वन
अम्बेडकरनगर।ताजा प्रकरण S N इंटर कॉलेज इंदईपुर का सामने आया है। उक्त विद्यालय को तत्कालीन माननीय विधायक भीम प्रसाद सोनकर को 2016 में कक्ष निर्माण हेतु अपने विधायक निधि से पांच लाख की धनराशि का प्रस्ताव दिया गया था। प्रथम किस्त की धनराशि ₹300000 विद्यालय के विकास निधि खाते में प्राप्त हो गई फिर भी विद्यालय द्वारा प्रस्तावित स्थल पर कक्ष निर्माण कार्य शुरू नहीं कराया गया। जिसकी शिकायत देने पर जिला स्तर से जांच टीम पहुंची तो प्रबंधक ने अभिभावक शिक्षक संघ खाते से बन रहे रसायन विज्ञान के प्रयोगशाला को दिखाकर जांच टीम को अवगत कराया कि विधायक निधि से यही कमरा बनवाया जा रहा है। जो कमरा प्रस्तावित स्थल से दूर और साइज में भी भिन्न था। जांच रिपोर्ट प्राप्त होने पर पुनः शिकायत दी गई और दूसरी टीम जांच करने पहुंची तो विद्यालय के तत्कालीन प्रधानाचार्य श्री मोहम्मद शरीफ खान और रसायन विज्ञान प्रयोगशाला के प्रभारी प्रवक्ता विनोद कुमार ने लिखित में बयान दिया कि यह कमरा अभिभावक शिक्षक संघ के पैसे से बनवाया जा रहा है। उक्त रिपोर्ट के आधार पर जिला विद्यालय निरीक्षक ने बैंक ऑफ़ बड़ोदा बसखारी को पत्र लिखकर प्रथम किस्त की धनराशि की निकासी पर रोक लगा दी। प्रबंधक द्वारा परियोजना निदेशक कार्यालय में द्वितीय किस्त की मांग प्रस्तुत की गई जिसे तत्कालीन परियोजना निदेशक में निरस्त कर दिया। 7 साल बाद प्रबंधक ने जिला विद्यालय निरीक्षक एवं परियोजना निदेशक से सेटिंग कर पुरानी जांच रिपोर्ट गायब करा ली। जिला विद्यालय निरीक्षक ने पूर्व में अपने कार्यालय पत्र द्वारा बसखारी बैंक ऑफ़ बड़ोदा को लगाई गई रोक को वापस लेकर धन निकासी की स्वीकृत दे दी। प्रबंधन ने 2024 में प्रथम किश्त की धनराशि ₹3 लाख रुपए को बैंक खाते से निकाल लिया। इसी के साथ परियोजना निदेशक के यहां पुनः द्वितीय किश्त की मांग की और परियोजना निदेशक अंबेडकर नगर ने अनुमति दे दी। जबकि जो कमरा दिखाया गया है वह अभिभावक शिक्षक संघ के पैसे से बनाया गया था उसमें एक भी पैसा विधायक निधि का नहीं लगा है। परियोजना निदेशक कार्यालय ने पुराने सारे साक्ष्य तो मिटा दिए परंतु प्राक्कलन के साथ जमा प्रस्तावित स्थल का साक्ष्य नहीं बदल पाए जिससे सारा प्रकरण उजागर हो गया। जिले के अधिकारियों को फर्जीवाड़ा करने में बिल्कुल भय नहीं लगता। यह भी नहीं सोचते कि 2016 में स्वीकृत और जारी प्रथम किश्त का उपभोग 2024 तक नहीं किया गया अचानक प्रबंधक बता रहे हैं कि उपभोग कर लिया द्वितीय किश्त दे दीजिए तो यह प्रश्न भी नहीं किए कि आप 7 साल तक कहां थे।और जब बिना विधायक निधि से 1 भी पैसा निकाले 7 साल पहले पूरा कमरा बना चुके हो तो द्वितीय किश्त से क्या निर्माण करोगे।द्वितीय किश्त तो छत प्लास्टर दरवाजा आदि के लिए होती है। लेकिन जब रिश्वत की रकम मिल जाए तो कौन पूछने जाता है और कौन नियम और प्रक्रिया देखता है।